योग,ध्यान ,आध्यात्म आदि को अपनाकर हम अपने आंतरिक जीवन को व्यवस्थित कर सकते हैं। संतुलित दिनचर्या एवं अच्छे विचार हमारे मन को भी स्वस्थ रखते हैं। हम सभी का दायित्व है कि सामाजिक स्तर पर भी हमें आंतरिक जीवन के महत्व को अपनाना चाहिए। इस संन्दर्भ में सभी को जागरूक करना चाहिए तभी देश और समाज का सर्वांगीण विकास संम्भव है।
Friday, September 18, 2015
Part-2 of man who has no inner life is a slave to his surrounding
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